क्या आप अपने दिमाग को तरोताजा करना चाहते हैं ? क्या आप दिमाग को रीफ्रेश करना चाहते हैं. अगर आप भ्रम, अनिर्णय, तनाव, शंका, मतिभ्रम, अत्याधिक सोचने या घबराहट से परेशान हैं तो हम आपको इन समस्याओं को दूर करने के 10 तरीके बताने जा रहे हैं. हम आपको ऐसी टिप्स देने जा रहे हैं जिनसे आपका दिमाग़ चलेगा नहीं दौड़ेगा.
टेंशन दूर करने के 10 तरीके
- पेट से सांस लेने की आदत डालें
- योग करें
- पौष्टिक और ताज़ा खाना खाएं
- सुकून देने वाला संगीत सुनें
- शारीरिक व्यायाम करें
- पेट्स के साथ वक्त बिताएं
- रूटीन काम से ध्यान हटाएं
- तनावपूर्ण कामों से बचें
- अपने प्रियजनों के साथ घूमें
- छुट्टी मनाने जाएं
पेट से सांस लेने की आदत डालें
अगर आप तनाव से परेशान हैं तो गहरी सांस लें. इतनी गहरी सांस लें कि सांस लेने के दौरान आपके पेट तक हवा पहुंचे. जो लोग एक्सरसाइज़ करने के दौरान गहरी सांस लेते हैं, उन्हें बेचैनी की समस्या कम होती है. धीमे-धीमे गहरी सांस लेने से हमारी वांडरिंग नर्व काम करना शुरू कर देती है. इससे हमारे दिमाग़ में एसिटाइलकोलाइन नाम का एक तनाव-रोधी रसायन निकलता है. ये हमारे दिल को धीमा कर देता है और हमें आराम देता है.
योग करें
योग हमारे शरीर और दिमाग़ दोनों को राहत देता है. योग में हम होशपूर्वक अपने शरीर की मांसपेशियों को आराम देते हैं. शरीर और मस्तिष्क को शांत करने के लिए शवासन से बेहतर कोई आसन नहीं हो सकता है. ये रक्तचाप और बेचैनी को कम करने में मदद करता है. आप इसे दिन में किसी भी समय कर सकते हैं.

शवासन को करने का तरीका
अपनी पीठ के बल लेट जाएं और अपनी बाहों और पैरों को थोड़ा अलग फैलाएं. आँखें बंद करें और आराम की साँसें लें.
पौष्टिक और ताज़ा खाना खाएं
हम जो खाते हैं, हमारा शरीर वैसा ही हो जाता है. कई स्टडीज़ में पता चला है कि हमारे भोजन और हमारे दिमाग का गहरा संबंध है. स्वस्थ, पौष्टिक खाना हमारे मूड को स्थिर रखता है. कुछ खाद्य पदार्थ, जैसे शराब और कैफीन, दिमाग़ में उत्तेजना जगाने वाले न्यूरोकेमिकल्स पैदा करते हैं, जबकि ग्रीन टी या हरी सब्जियां हमारे मस्तिष्क को शांत करती हैं. एस्परटेम जैसी कृत्रिम मिठास मस्तिष्क के लिए महत्वपूर्ण अमीनो एसिड को ब्लॉक कर देती है. इससे मस्तिष्क में डोपामाइन और सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाता है. इससे चिंता, अनिद्रा, मूड बदलने और सिरदर्द जैसी समस्या हो जाती है. इसलिए हमें प्राकृतिक और कम तेल-मसाले का खाना खाना चाहिए.
सुकून देने वाला संगीत सुनें
आपको रॉक या पॉप म्यूज़िक पसंद होगा लेकिन हल्की धुनें या शास्त्रीय संगीत आपके दिमाग के लिए बेहतर है. कई अध्ययन से पता चलता है कि ऐसा संगीत आपके दिमाग को शांत करता है. प्राकृतिक ध्वनियाँ हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करतीं हैं. इससे हमारे मूड में स्थिरता आती है और हमारी नींद भी बेहतर हो जाती है.
शारीरिक व्यायाम करें
शारीरिक व्यायाम आपके जीवन को तनावमुक्त करने का सबसे अचूक तरीका है. शारीरिक रूप से फिट लोगों में कम कार्डियोवैस्कुलर और न्यूरोहोर्मोनल प्रतिक्रियाएं होती हैं. नियमित व्यायाम का एक अवसादरोधी प्रभाव होता है.
पेट्स के साथ वक्त बिताएं
जापान में एक स्टडी से पता चला है कि जो लोग पेट्स के साथ वक्त गुज़ारते हैं उनमें तनाव और अवसाद का स्तर कम होता है. उनका मूड बेहतर रहता है. उनका ब्लड प्रेशर भी कम रहता है.

रूटीन काम से ध्यान हटाएं
लम्बे वक्त तक एक जैसा काम हमारे दिमाग़ को बोझिल बना देता है. खुद के लिए वक्त निकालें और अपने शौक़ पूरे करें जैसे पेंटिंग, स्केचिंग, या म्यूज़िक बजाना. तनाव देने वाली बात से ध्यान हटाने के लिए खेल, कुकिंग, बुनाई या कढ़ाई शानदार तरीके हो सकते हैं.
तनावपूर्ण कामों से बचें
लम्बे वक्त तक मोबाइल का इस्तेमाल और सोशल मीडिया आज कल तनाव का एक बड़ा कारण है. ये हमारे मस्तिष्क को व्यस्त रखते हैं. सोशल मीडिया का इस्तेमाल हमारे दिमाग़ में अस्थाई खुशी, ईर्ष्या, गुस्सा, बदले की भावना, भड़ास निकालने, अपनी बात मनवाने और जवाब देने की ज़िद जैसे भाव पैदा करते हैं. ये किसी व्यक्ति के मूड और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए समय-समय पर मोबाइल, इंटरनेट और सोशल मीडिया से ब्रेक लें.
अपने प्रियजनों के साथ घूमें
तनाव अक्सर हमारे सामाजिक जीवन को खराब कर देता है. ये हमें चिड़चिड़ा बना देता है. तनावग्रस्त व्यक्त अकेले रहना पसंद करता है. ऐसे में आप तनाव को तोड़ने के लिए दोस्तों या प्रियजनों से मिलें और अपनी रुचि के विषयों पर चर्चा करें.
छुट्टी मनाने जाएं
कुछ सर्वे और रिपोर्टों के मुताबिक तनाव या अवसाद होने पर छुट्टी लेना और शहर से बाहर घूमने जाना आपके दिमाग को तनाव मुक्त करता है. रुटीन की ज़िंदगी से मुक्ति लें और किसी हिल स्टेशन जाकर आराम फरमाएं. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को के शोधकर्ताओं ने पाया है कि दिमाग़ पर अवकाश का बड़ा प्रभाव पड़ता है. हर उम्र और हर व्यक्ति को छुट्टी लेने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है.