चौबीस घंटों से ऊपर हो चुके हैं, गाड़ी मालिक शॉक में हैं, पुलिस भी अभी तक सिर्फ सर ही खुजला रही है ये सोचकर की आखिर मॉडर्न सेफ्टी फीचर्स से लैस गाड़ी को चोर इतनी आसानी से कैसे चुरा ले गए|
दरसल, मामला है रनहोला थाने के अंतर्गत आने वाले विकास नगर के बी ब्लॉक का जहाँ गुरुवार के रात करीब सवा दो बजे चोरों ने बड़े ही निर्भीक अंदाज में गाड़ी के सभी सेफ्टी इंतज़ामों को तोड़कर घटना को अंजाम दिया |
पूरी घटना cctv कमरे के कैद है लेकिन अँधेरा होने की वजह से अपराधियों के चेहरे साफ़ नहीं दिख रहे हैं |
गाड़ी के मालिक राजेंद्र कनौजिया के मुताबिक घटना करीब सवा दो बजे रात की है| गाड़ी अक्सर मकान के सामने खाली प्लाट में पार्क करते थे| वहां और भी कई गाड़ियां खड़ी होती हैं, लेकिन CCTV वीडियो देख कर ऐसा लगता है चोर पहले से ही तय कर के आये थे की केवल यही गाड़ी उठानी है|
पुलिस ने इस सम्बन्ध में FIR दर्ज कर ली है, लेकिन घटना के 36 घंटे से ज़्यादा हो जाने के बाद भी अभी तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है|
इस मामले में दैनिक नवोदय ने केस के जांच अधिकारी अमित रोहिल्ला से बात की|
रोहिला ने बताया, “ऐसे मामलों में सभी थानों को ऑनलाइन सूचना भेज दी जाती है| अब ये गाड़ी अगर कही भी किसी गैरकानूनी वारदात में शामिल पायी जाती है या फिर चोर इसे कही छोड़ कर भाग जाएँ तो ऐसे स्थिति में हमें सुचना मिल जाएगी,”
मतलब कुल मिलकर सब भगवान भरोसे ही है…… पुलिस के पास भी इंतज़ार करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं है|
इलाके में पहले भी चोरी की काफी वारदातें हो चुकी हैं, लोगों के मुताबिक रात को गाड़ी से बैटरी या और कोई कीमती पार्ट चोरी होना आम बात है| पर पिछले काफी समय में ऐसा पहली बार हुआ हुआ है की पूरी की पूरी गाड़ी ही चोरी हो गयी हो।
कैसे मिलेगा इंस्युरेन्स
गाड़ी चोरी होने के मामलों में पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट (Untrace Report) तैयार करती है और उसे इंस्युरेन्स कंपनी को भेजती है या फिर गाड़ी मालिक ही इसे पुलिस से लेकर खुद इंस्युरेन्स कंपनी को सौंप देता है| इस पूरी प्रक्रिया में 45 – 60 दिन का समय लगता है|
पुलिस वालन की बस की ना है, इन्हे वसूली से ही फुर्सत न है।
तुझे ज्यादा पता है, साले नाम तो देख अपना गोरा त्यागी
आज कल पुलिस अधिकारी कुछ काम नहीं कर रहे , अगर ये नेता या ऊंची पहुंच वाले होते तो गाड़ी आठ दस धंटे में गाड़ी मिल जाती चोर पकड़े जाते