मामला है उत्तर प्रदेश के आगरा का जहा कमीशन के चक्कर में आशा बहन ने एक ४० वर्षीय मूक बधिर व्यक्ति की धोखे से नसबंदी करवा दी|
पीड़ित के परिवार के मुताबिक आरोपी नीलम रविवार को ध्रुव कुमार को कोरोना के टीका लगवाने के बहाने से एटा जिला अस्पताल ने गयी और वहां उसकी नसबंदी करवा दी| सूत्रों के मुताबिक, दोषी आशा बहन ने ४०० रुपये के कमीशन और विश्व जनसंख्या दिवस के पहले अपना टारगेट पूरा करने के लिए ऐसा किया|
ध्रुव कुमार का बड़े भाई ने कहा की, “हम लोग ज़्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं, हमें covid टीकाकरण की ज़्यादा जानकारी नहीं है , इसी लिए जब रविवार को दोषी नीलम कुमारी घर्र आए और मुझसे मेरे छोटे भाई तो कोरोना का टीका लगवाने की बात कही तो मैं तैयार हो गया | नीलम ने मुझे ये भी कहा की अगर मेरा भाई टीका लगवायेगा तो उसे तीन हज़ार रुपये मिलेंगे |”
ध्रुव के परिवार के अनुसार आशा बहन ने ध्रुव की नसबंदी करवाने के बाद उसे आधे रस्ते ही छोड़ दिया और जब वो घर पंहुचा तो बेहोस हो गया| जिसके बाद परिवार ने ध्रुव को आगरा के SN मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहाँ पैर जांच के बाद डॉक्टरों वे जांच के बाद नसबंदी की बात का खुलासा किया|
एटा चीफ मेडिकल अफसर डा. उमेश त्रिपाठी बताया की एक आशा वर्कर द्वारा कोरोना का टीका लगवाने के बहाने से नसबंदी करवाने के मामला सामने आया है | इसका संज्ञान लेते हुए हमने पुरे मामले की जांच शुरू कर दी है | पीड़ित के भाई की शकायत के बाद पुलिस वे मामले की जांच शुरू कर दी| हालाँकि इस मामले में अभी FIR दर्ज नहीं हुई है|